सियारामशरण गुप्त
जन्म: 4 सितंबर 1895 - मृत्यु: 29 मार्च 1963
सियारामशरण गुप्त हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार
और राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त के छोटे भाई थे। उनकी रचनाओं में करुणा,
सत्य-अहिंसा की मार्मिक अभिव्यक्ति मिलती है। हिन्दी साहित्य में उन्हें एक कवि के रुप में विशेष ख्याति प्राप्त हुई लेकिन
एक मूर्धन्य कथाकार के रूप में भी उन्होंने कथा-साहित्य में भी अपना स्थान बनाया।
सियारामशरण गुप्त की भाषा-शैली
पर घर के वैष्णव संस्कारों और गांधीवाद का प्रभाव था। गुप्त जी स्वयं शिक्षित कवि थे।
मैथिलीशरण गुप्त की काव्यकला और उनका युगबोध सियारामशरण ने यथावत्
अपनाया था। अत: उनके सभी काव्य
द्विवेदी युगीन अभिधावादी कलारूप पर ही आधारित हैं। हिंदी की गांधीवादी राष्ट्रीय
धारा के वह प्रतिनिधि कवि हैं।
दीर्घकालीन हिन्दी सेवाओं के लिए
सन् 1962 ई. में "सरस्वती' हीरक जयन्ती में सम्मानित किये गये। सन् 1941 ई. में "सुधाकर पदक' नागरी प्रचारिणी
सभा वाराणसी द्वारा प्रदान किया गया।
सियारामशरण गुप्त का असमय ही 29 मार्च 1963 ई. को लम्बी बीमारी के बाद निधन हो गया।
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