बुधवार, 18 नवंबर 2015

आप जो भी करते हे सबसे महत्वपूर्ण तो यह हे कि आप कुछ करे |


आप जो भी करते हे सबसे महत्वपूर्ण तो यह हे कि आप कुछ करे |


      

                   आज से करीब एक साल पहले की बात हें एक सोसाइटी में पानी कि बड़ी समस्या थी | सोसाइटी कि इस समस्या से पार पाने के सोसाइटी के सभी कमिटी मेबर मिलजुल कर काम कर रहे थे | सोसाइटी में एक दिन में करीब ६ से ८ पानी के टेंकर आया करते थे तभी भी पानी कि समस्या कम नहीं हो पा रही थी और सोसाइटी का खर्च बढता ही जा रहा था | इतना ही नहीं सोसाइटी में रहने वाले लोग कमिटी मेबर को खरी खोटी सुनाते जेसे – आप लोग कुछ करते ही नहीं , आप लोगो को सोसाइटी सभलना नही आता ,इस सोसाइटी में घर लेकर अपने पैर पर पत्थर मार लिया | कमिटी मेबर से कहा सुनी हो जाती वह भी सुना देते – भाई हमने भी आप कि तरह यहाँ घर लिया हे हमारे भी घर में पानी कि समस्या हे हम अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं रहे हे अगर आप को लगता हे कि हम कुछ नहीं कर रहे तो आइये आप यहाँ काम कर के देख लीजिये | इतनी कहा सुनी होने पर भी समस्या जहां थी वहीं रही | सभी कमिटी मेबर निराश हो गए थे पर वह हार नहीं मान रहे थे | वह यही मान कर चल रहे थे हम कुछ कर सकते हम करके दिखा सकते हे हम इस समस्या से पार पा सकते हे |             
           उन लोगो ने फिर से इस विषय पर सोचना शुरू किया | कहते हे ना कि हम जितना सोचते हे उतना ही विषय या तो सुलझ जाता हे या उलझ जाता हे | अब उनके सामने दो समस्या हो गई एक पानी कि और दूसरी पानी के खर्च  केसे कम किया जाये | यही सोच रहे थे कि एक ने कहा क्यू न हम अपने सोसाइटी का पाइप लाइन एक बार देख ले कि पाइप से पानी आ कितना रहा हे ? इतना कहना ही था कि दो लोग उठे और पानी के टंकी पर चढ़ गये और देखा तो पाया कि पानी कि धार पहले से बहुत कम आ रही हे अब वह पानी के मोटर देखने गए मोटर भी ठीक चल रहा था | एक ने कहा बोरवेल पंप का पानी सीधे ऊपर वाले टंकी में जाता हे अब नीचे जमीन में पानी कम होगा इस लिए पानी की धार कम हो गई हे ,लगता हे अब हमें दूसरी जगह बोर करवाना पडेगा | तब किसी ने कहा क्यू न हम बोरवेल से जो पानी सीधे ऊपर जा रहा हे उसे कही नीचे वाले टंकी में डाल कर देखे | सभी ने कहा चलो यह भी करके देख लेते हे | अब नीचे वाले टंकी में डाल कर देखा गया पानी कि धार अब बहुत अच्छी तरह गिर रही थी |सब खुश हो गए | अब नीचे वाले टंकी पानी जमा कर वह पानी ऊपर वाले टंकी में डालने लगे | पानी कि समस्या दूर हो गई |
                   दोस्तों यहाँ सभी मेबर एक थे और अपने लक्ष्य जानते थे कि किसी भी तरह पानी कि समस्या दूर करनी हे वह हाथ पर हाथ रखकर बेठे नहीं रहे और कुछ न कुछ करते रहे ,हार नहीं मानी |दिमाग में लक्ष्य साफ़ हो तो उसे पाने के रास्ते भी साफ़ नज़र आने लगते हैं और इंसान उसी दिशा में अपने कदम बढा देता है| इसीलिए आप जो भी करते हे सबसे महत्वपूर्ण तो यह हे कि आप कुछ करे और अपना लक्ष्य बनाये |

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