16 नवम्बर - 'राष्ट्रीय प्रेस दिवस'
'राष्ट्रीय प्रेस दिवस' प्रत्येक वर्ष ‘16 नवम्बर' को मनाया जाता है। ‘राष्ट्रीय प्रेस दिवस' पत्रकारों को सशक्त
बनाने के उद्देश्य से स्वयं को फिर से समर्पित करने का अवसर प्रदान करता है।
पत्रकारिता आधुनिक सभ्यता का एक प्रमुख व्यवसाय है जिसमें समाचारों का एकत्रीकरण, लिखना, रिपोर्ट करना, सम्पादित करना और सम्यक
प्रस्तुतीकरण आदि सम्मिलित हैं। आज के युग में पत्रकारिता के भी अनेक माध्यम हो गये हैं; जैसे - अख़बार, पत्रिकाएँ, रेडियो, दूरदर्शन, वेब-पत्रकारिता आदि।
यह दिन भारत में एक स्वतंत्र और जिम्मेदार प्रेस की
मौजूदगी का प्रतीक है। प्रथम प्रेस आयोग ने भारत में प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा एंव पत्रकारिता में उच्च आदर्श कायम करने के उद्देश्य से एक प्रेस परिषद की कल्पना की थी।
परिणाम स्वरूप 4 जुलाई, 1966 को भारत में
प्रेस परिषद की स्थापना की गई, जिसने 16 नवम्बर,
1966 से अपना विधिवत
कार्य शुरू किया।
सर्वप्रथम भारत
में प्रिंटिग प्रेस लाने का श्रेय पुर्तग़ालियों को दिया जाता है। भारत
में प्रथम समाचार पत्र निकालने का श्रेय 'जेम्स ऑगस्टस हिक्की' को मिला। उसने 1780
ई. में 'बंगाल गजट' का प्रकाशन किया, किन्तु इसमें कम्पनी
सरकार की आलोचना की गई थी, जिस कारण उसका प्रेस जब्त कर लिया गया।
पहला भारतीय
अंग्रेज़ी समाचार पत्र 1816 ई. में कलकत्ता में गंगाधर भट्टाचार्य
द्वारा 'बंगाल गजट' नाम से निकाला गया। यह साप्ताहिक समाचार पत्र था।
उदन्त मार्तण्ड हिंदी का प्रथम समाचार पत्र था। इसका प्रकाशन मई, 1826 ई. में कलकत्ता से एक साप्ताहिक पत्र के रूप में शुरू हुआ था। उस समय अंग्रेजी, फारसी और बांग्ला में तो अनेक पत्र निकल रहे थे किंतु हिंदी में एक भी पत्र नहीं
निकलता था। इसलिए "उदंत मार्तड" का प्रकाशन शुरू किया गया। इसके संपादक श्री
जुगुलकिशोर सुकुल थे।
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