शुक्रवार, 4 दिसंबर 2015

कल का दिन सिर्फ आलसियों के लिए हे


                                  दोस्तों , हम सब सोंचते हे योजना बनाते हे की हम कामयाब होंगे | हम लक्ष्य भी बनातें हे की हम बड़े होंगे | दोस्तों सोंचते सभी हे ,योजना भी बनाते हे पर कामयाब कुछ लोग ही होते | पता हे दोस्तों क्यू ?
                 क्यू की हम सोंचते हे पर उस पर कर्म(work )नहीं करते | उधारण : हर कोई कहता हे की सुबह जल्दी उठना हे , रात को सोते समय भी यह सोचकर सोते हे की सुबह जल्दी उठाना हे परतु जब सुबह होती हे तो उठ नहीं पाते , आलार्म बंद करके फिर से सो जाते हे और अपने आप से कहते हे और पाच मिनिट सो लेता हु फिर उठ जाऊंगा और सो जाते हे |
                  दोस्तों कहना यही हे की योजनाये धुल हे ,लक्ष्य असभव हे ,इन सब की कोई कीमत नहीं जब तक उनपर कर्म न हो | आलस छोड़िये ,कल का दिन सिर्फ आलसियों के लिए हे और आप आलसी नहीं हे योजना बनाया हे तो कर्म कीजिए| कर्म भले ही खुशियां या कामयाबी न लाये पर कर्म करके नाकाम होना , बिना कर्म किये छटपटाने से कही बबेहतर हे |      

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